ख़जाने ढूंढ हीरा ला,
चमकता एक टुकड़ा ला,
मेरे लिए थोड़ी मेहनत कर,
कहीं से खोज कर ले आ,
तड़कता ना हो भड़कता,
कहीं से न हो खटकता,
जो मुझको दिखलाये मैं कौन,
तू ऐसा एक शीशा ला,
भड़क जाए मगर ठंडा,
हो अपने साथ का बन्दा,
मिला ले हाँथ न छोड़े,
मेरे लिए ऐसा साथी ला,
लड़कपन सी मोहब्बत ला,
नज़र मासूमियत की ला,
कोई छू दे तो जल जाए,
मेरे लिए ऐसी हमदम ला,
लगाए कीमतें लाखों,
कोई भी उसकी सादगी की,
बिके न तब भी पल भर को,
मेरे लिए ढूंढ, उस को ला,
अदाएं बांकपन की हों,
ज़रा सा वो संवरती हो,
कोई बोले तो वो गाये,
तू ऐसी दिलकशी को ला।
Jan 27, 2021 12:31 AM
No comments:
Post a Comment