Sunday, April 17, 2011

"Hare Suit Wali Ladki"/"हरे सूट वाली लड़की"

पूरे ध्यान से पढ़ें, मुझे लगता है आपको अच्छी लगेगी :)






जब चिड़िया ने भी सूरज की किरणों को था महसूस किया
तब इक सुन्दर सी लड़की ने भी हरा रंग था ओढ़ लिया
बालों से उसके अब भी कुछ पानी की बूंदें गिरती हैं
उन गीले काले बालों पे वो हरा सूट कुछ खिलता है
जब उन गीले बालों को वो आँगन में बैठी सुलझाती है
तो कुछ चमकीली सी बूँदें मोती बनकर बिछ जाती हैं
उस हरे सूट को था उस शीशे ने भी पहचान लिया
जिसको उस लड़की ने बाज़ार से कुछ दिन पहले मोल लिया
जब खुद ही बैठी शीशे से वो खुद को तकती जाती है
तो उसकी आंखें भी उस हरे सूट पे मुस्काती हैं
जब माँ ने अपनी लड़की को उस हरे सूट में देखा है
तो मन ही मन में उन्हें मामला कुछ गड़बड़ सा लगता है
फिर माँ ने नाश्ते की प्लेट देते ही कुछ है पूछ लिया
पर दबी हुई आवाज में लड़की ने है जवाब दिया
फिर उसी समय जब लड़की घर से बाहर को निकलती है
वो हरे सूट में कॉलेज आती कितनी अच्छी लगती है


छोटी गलियों में उसको कुछ चेहरे ख़ुशी के दिखते हैं
उसकी सहेलियों के तो जैसे जिगर सुलगने लगते हैं
उस तंग गली में अक्सर उसको जाने पहचाने लड़के मिलते हैं
जो हर सुबह-शाम इसी तरह से उसका पीछा करते हैं
उस हरे सूट को था उन लड़कों ने भी पहचान लिया
जिसको उस लड़की ने बाजार से कुछ दिन पहले मोल लिया
उन लड़कों की भी उसी समय सारी बांछें खिल जाती हैं
वो हरे सूट में कॉलेज आती कितनी अच्छी लगती है



पतली गलियों से निकलकर जब वो मेन सड़क पर आती है
कॉलेज की गाड़ी भी पलभर में हॉर्न दे आ जाती है
जब उसको उसके कुछ साथी सहपाठी लड़के तकते हैं
उसकी सहेलियों के तो जैसे जिगर सुलगने लगते हैं
बस में चढ़ते ही जब वो धीरे से मुस्काती है
तो थोड़ा झुककर वो फिर अपनी आँखों में शर्माती है
जब वो अपनी हर दिन वाली बँधी सीट पे बैठी है
वो हरे सूट में कॉलेज आती कितनी अच्छी लगती है




फिर थोड़ा बस आगे निकली तो कुछ ने उसका नाम लिया
कुछ दूर देख ही मुस्काये कुछ ने उसको सलाम किया
बस उसी समय वो हरा सूट फिर चर्चा में आ जाता है
कुछ लड़कों का तो जिग्गरा उनके पिंजरे से छुट जाता है
जब उसे देखने को खिड़की में कुछ गाडी भिड़ जाती हैं
जब कुछ गाड़ियां उसी के लिए कुछ करीब आ जाती हैं
उसकी खामोश नज़रें भी एक कहानी कहती है
वो हरे सूट में कॉलेज आती कितनी अच्छी लगती है



जब कॉलेज की गाड़ी चलकर कॉलेज में दाखिल होती है
और वो लड़की बस के दरवाजे से धीरे से पग धरती है
फिर हर एक चेहरे की नज़रें उस लड़की पे टिक जाती हैं
उस हरे सूट की धारियां उस लड़की सी खिल जाती हैं
उसकी सहेलियों के तो जैसे जिगर सुलगने लगते हैं
कॉलेज में बैठे लड़के तो फिर कमल से खिलने लगते हैं
जब वो उस बस से दूर निकलकर गार्डन तक आ जाती है
वो हरे सूट में कॉलेज आती कितनी अच्छी लगती है


उस हरे सूट को था उन भंवरो ने भी पहचान लिया
जिसको उस लड़की ने बाजार से कुछ दिन पहले मोल लिया
उस गार्डन में बैठा मैं उसका चेहरा तकता जाता हूँ
उस हरे सूट में उसे देख मैं जाने कहाँ खो जाता हूँ
उस लड़की ने भी आँखों के कोने से मुझको देख लिया
उसकी उन कजरी आँखों ने था मेरे जिगर को भांप लिया
फिर उसी समय जब वो लड़की यूँ धीरे से मुस्काती है
वो हरे सूट में कॉलेज आती कितनी अच्छी लगती है



जब आगे चलकर वो मेरे थोड़े करीब आ जाती है
उस हरे सूट की धारियां भी मुझसे यूँ बतियाती हैं
उसकी सहेलियों के तो जैसे जिगर सुलगने लगते हैं
उन फूलों के पौधों में वो कुछ धीरे से कह जाती है
उसकी बातों की मिठास से मैं दिल से खिलता जाता हूँ
मेरी खुशियों की खातिर ही उसने था कहना मान लिया
मेरे ही कहने पर उसने उस हरे सूट को ओढ़ लिया
उस हरे सूट से वो कॉलेज में जादू सा फैलाती है
वो हरे सूट में कॉलेज आती कितनी अच्छी लगती है।




PENNED ON TUESDAY 12TH OF APRIL,2011

Tuesday, April 12, 2011

Tera Saath

BHEENI BHEENI SI MEHAK AAYE,
TERI BATON KE SANDESHE LAAYE,
JAB HAWAA CHALE YUNHI BALKHAYE,
ANJAANI YADON KO AAYE AUR CHED JAAYE,



KE THODE BAADAL JAB BHI AATE HAIN,
KHULE AAKASH ME NAHATE HAIN,
JAB HUM GEET KOI GAATE HAIN,
FIR HUM PAANI CHAP-CHAPATE HAIN,
TO TUM AISE MUSKURA JAATI HO,
JAISE PAL WO SAZAA JATI HO,



JAB BHI HUMARI BAATIEN KUM PAD JAATI THI,
HUMARE BEECH EK KHAMOSHI SI CHAA JATI THI,
TAB HUMARI DHADKANE HI AAWAAZ KARTE HUYE KUCH KEHTI THI,
EK DOOSRE KI BAHON ME FIR SAMAA JATI THI,
TAB TUM AISE PYAR SE DEKHTI HO,
JAISE BAATIEN KAYI BATANA CHAHTI HO,



KYUN NA AGLE KUCH DINON KO,
HUM IS TARAH SE SAZAAYEN,
KI APNI AANE WAALI ZINDAGI ME,
INHE KABHI BHI NA BHOOL PAYEIN



AAO MIL KAR SAATH CHALEIN,
KUCH LAMHON KO BAANT LEIN.........




WRITTEN IN MIDNIGHT OF FEBRUARY 14,2009

My First Poem - Chanda

CHANDA OO CHANDA,
KABHI PAAS TO AA,



AAKAR KABHI,
KOI GEET GAA,
JISE KHAYALON ME SUNA HAI TUJHE YAAD KARKE,



AAKAR KABHI,
DO BAATIEN KAR,
JINHE SUNKAR PYAR KI BUNDON SE MANN BHAR JAYE,
JIS AAWAAZ KI KHANAK SE CHEHRA KHIL JAYE,




AAKAR KABHI,
KOI JADOO KAR,
JISSE MAIN HAR KHUSHI HAR GHAM SE DOOR HO JAAUN,
IS KAARVAN SE TERI YAAD LIYE,
USI TARAH MARUN JAISE EESHWAR KE CHARANON ME
CHADHA KOI FOOL SOOKH GYA HO.............




WRITTEN IN ELEVENTH STANDARD

Monday, April 11, 2011

Mere Humdum

SATANE SE BAHANE SE,
TU JO NA AAYI BULANE SE,
TO MERA WAADA HAI HUMDUM,
TERI YAADIEN BULA LUNGA,



MAIN KISSON  SE YA BATON SE,
TERE HASEEN KHAYALATON SE,
YE MERA WAADA HAI HUMDUM,
TERI MEHFIL SAZAA LUNGA,



MAIN FULON SE YA PATTON SE,
TERE AANGAN KE PAUDHON SE,
YE MERA WAADA HAI HUMDUM,
TERA BISTAR LAGA LUNGA,



SAZI BAARISH KI BUNDON SE,
YA APNE IN AANSUON SE,
YE MERA WAADA HAI HUMDUM,
TUJHE JALDHAAR LA DUNGA,



KADAM TERE MOHABBAT SE,
UTHE HONGE JO CHAHAT SE,
YE MERA WAADA HAI HUMDUM,
UNHE MAIN HAR MUKAAN DUNGA,



MAIN AANKHON SE YA HONTHON SE,
TERI DHADKAN DHADAKNE SE,
YE MERA WAADA HAI HUMDUM,
TERA DIL-E-ISHQ PAA LUNGA.......

Aashiqui ki Kasak

DIL KI GEHRAYIYON NE MERI KUCH UNSE KAHA AISA JISE WO SUN NA SAKE,
EK JHALAK BHI NA NAZAR UTHA KAR DEKHA MUJHE,
BAS KEH DIYA JAO MOHABBAT NAHI HAI TUMSE,
ISI BAAT NE WAAR AISA KIYA JO HUM SEH NA SAKE,



UNKI DEEWANGI ME KHOYE RAHE UMRA BHAR,
UNKE CHEHRE KO CHANDNI SA KEHTE RAHE,
HAMESHA UNHI KI KHUSHI KI AAS KI,
BHALE HI KITNE AANSUON ME BEHTE RAHE,



UNHE DOOR SE YUNHI TAKTE RAHE,
KAHIN DEKH NA LE YUN HI DARTE RAHE,
MAGAR NA PATA THA KI WO PYAR KYA THA,
CHIRAGON SE JAB USKO ROSHAN KIYA THA,



UNHI CHIRAGON NE JEEVAN HAI PHOONKA YE MERA,
JAISA RATON ME JALTA SULAGTA SAVERA,
JALE DIL SE JYADA HUM JALTE RAHE,
ANDHERON ME CHIPKAR SISAKTE RAHE,
MERA DIL BHI MUJHSE YE POOCHE HAMESHA,
KYUN BANZAR ME KHETI HUM KARTE RAHE,



KASAKTI RAHENGI YE SAANSE HAMESHA,
LABON PE JAB BHI UNKA NAAM HOGA,
KEH YE DENA UNHE KE RAKH LE IZZAT KISIKE PYAAR KI,
WARNA AASHIQ KOI PHIR NA BADNAAM HOGA........



PENNED AT 9:30PM, MAY6,2010

Chota sa safar

ZINDAGI KI SOCH LE AAYI KAHAN PE,
HAI WADON KI TASVEER JHOOTHI JAHAN PE,
KOI TAPKE SONA HUA HAI YAHAN PE,
KOI APNI PEHCHAAN KHOTA YAHAN PE,



YE JALTE KADAM,YE JHUKTI KAMAR,
YAHI MEHNATANO KI TASVEER HAI,
CHUBHAN KANTE KI YA SHIKAN MAATHE KI,
YE SAB APNI APNI HI TAKDEER HAI,



AGAN KA AGAN SE BHI MILNA KAHAN PE,
HAI PAANI KA SAILAAB BEHTA JAHAN PE,
KOI KHUSH HAI ITNA KI SAARE JAHAAN SE,
KOI HAI JO RO BHI NA SAKTA YAHAN PE'



YE ANDHI NAZAR,UMAR KA ASAR,
BAS KUCH DINO KA HI KHEL HAI,
KAHAN SE KAHAN TAK HAI CHALNA SAFAR,
DILON SE DILON KA YAHIN MEL HAI....



PENNED AT 2:30 AM, MAY,5,2010

ख़ामोशी

तू अभी नादान है तेरे ख़यालों की दुनिया अभी आबाद है यही तेरी ग़लती है इसमें तेरी ग़लती तो कुछ नहीं इसमें वक़्त की भी ग़लती नहीं इसमें दुनिया की ग़ल...