तू अभी नादान है
तेरे ख़यालों की दुनिया अभी आबाद है
यही तेरी ग़लती है
इसमें तेरी ग़लती तो कुछ नहीं
इसमें वक़्त की भी ग़लती नहीं
इसमें दुनिया की ग़लती है
दुनिया के सपनों की दुनिया
उठाती है गिराती है
मिलाती भी नहीं और जुदा भी नहीं
संभालेगी तो लेकिन देर तक नहीं
तू अभी ख़ामोश है
तेरे हिस्से की आवाज़
मेरे कानों में है
इसमें मेरी ग़लती तो कुछ नहीं
इसमें वक़्त की भी ग़लती नहीं
इसमें भीड़ की ग़लती है
भीड़ जो थोपती है क़ायदे
बनाती है मिटाती है
क़ायदे पसंद भी हैं और नहीं भी
क़ायदे चलते तो हैं लेकिन ज़्यादा दिन नहीं
तुझे अभी वक़्त और लगेगा
ये फ़ासला तय करने में
फ़ासला जो है भी और नहीं भी
लेकिन इन्हीं फ़ासलों में
लोग राहें भटकते हैं
मिलते हैं बिछड़ते हैं
राहें जो मिलाती भी हैं और नहीं भी
इसमें राहों की ग़लती तो कुछ नहीं
इसमें वक़्त की ग़लती है
जो वक़्त पर लोगों को मिलाता नहीं
वक़्त सबका आता तो है
लेकिन वक़्त पर आता नहीं
हम एक सफ़र पर हैं
सफ़र तो मन तय करता है
मन चुनता भी है लेकिन हर बार नहीं
सफ़र चाहे जैसा हो
दिल जुड़े हो सकते हैं
एक दूसरे की ख़बर रख सकते हैं
दुनिया बदल सकती है
दिल बदल सकता है
सपनें भी दिल चुनता है
दिल ही सपने दिखाता है
राहें बदल सकती हैं
दिल बदल देता है
दिल की आवाज़ सुननी ही पड़ती है
तुझे वो आवाज़ सुनाई दे
ऐसी ख़ामोशी चाहिए
इसमें तेरी ग़लती तो कुछ नहीं
इसमें दिल की ग़लती है
दुनिया का शोर दिल की ख़ामोशी
सुनने ही कब देता है
Feb 17, 2024 3:34 AM